સર્વ વૈષ્ણવજનને મારા જયશ્રીકૃષ્ણ

कुंडली मिलान क्यों जरूरी होता है?

ज्योतिष एक विज्ञान है जिसमें ग्रहों और तारों की चाल का अध्ययन किया जाता है। इस अध्ययन में सूर्य, चंद्रमा और राशि तीन महत्वपूर्ण कारक होते हैं। ये तीन कारक ज्योतिष शास्त्र की मूल नींव होते हैं जो एक व्यक्ति की जन्म कुंडली के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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  1. सूर्य: सूर्य ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है। सूर्य का अधिकार स्वास्थ्य, शक्ति, अधिकार और सफलता पर होता है। ज्योतिष में, सूर्य की स्थिति और दशा का अध्ययन किया जाता है जो एक व्यक्ति के व्यक्तित्व और जीवन पर विभिन्न प्रभाव डालता है।

  2. चंद्रमा: चंद्रमा ज्योतिष में दूसरा महत्वपूर्ण ग्रह है। चंद्रमा का अधिकार भावनाओं, मनोकामनाओं और उन्हें प्रकट करने के लिए होता है। ज्योतिष में, चंद्रमा की स्थिति और दशा का अध्ययन किया जाता है जो एक व्यक्ति के मनोवृत्ति और उनकी भावनाओं पर विभिन्न प्रभाव डालता है।

    1. राशि: राशि ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण कारक है। राशि एक ग्रह की स्थिति को निर्दिष्ट करती है जो जन्म के समय स्थित था। राशि भी एक व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वभाव और उनकी व्यवहार शैली पर प्रभाव डालती है। राशि के अनुसार, एक व्यक्ति को कुंडली मिलान के दौरान उनकी जीवन साथी चयन किये जाते हैं।

    ज्योतिष में सूर्य, चंद्रमा और राशि का महत्व बहुत अधिक होता है। इन तीनों कारकों की स्थिति और दशा से एक व्यक्ति के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष विश्वास के अनुसार, इन तीनों कारकों की चाल अपने प्रभाव को बदलती रहती है। जो एक व्यक्ति के व्यक्तित्व और जीवन को प्रभावित करती हैं।

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